Cryptocurrency and Identity Verification | KYC Verification

आज के युग में क्रिप्टो & बिटकॉइन रेवोलुशन तेज़ी से बढ़ रहा है बड़ी बड़ी बिज़नेस बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर रहे बिटकॉइन एक ऑनलाइन कर्रेंसी है जो की इंटरनेट के माद्यम से चलती है। बिटकॉइन एक DECENTRALIZE क्रिप्टो कुर्र्रेंसी ह। बिटकॉइन का निर्माण २००९ में सातोशी नाकामोत। ध्यान देने वाली बात ये की सातोशी नाकामोतो की रियल आइडेंटिटी आज तक किसी को पता नहीं चल पाई हैं बहुत से लोगो ने सातोशी नाकामोतो होने का दावा किया लेकिन आज तक कोई सही साबित नहीं कर पाया। बिटकॉइन के लिए और कहानी परचलती हैं और वो “PIZZA DAY ” एक वयक्ति ने २२ २०१० को २ पिज़्ज़ा के बदले १००००० बिटकॉइन का भुगतान किया।। यदि हम आज की बिटकॉइन रेट की बात करे तोः वो उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। बाद में उसने बता की उसने अपनी बेटी के लिए २ पिज़्ज़ा आर्डर किया और उनका कॅश ना होने बजह से बिटकॉइन में भुगतान किया।

ने किये किया और इसके के कुछ कोड्स साइट पर डाले । बाद में धीरे धीरे इसमें डेवलपमेंट शरू हु। बिटकॉइन का एक पूरा परिवार भी है जिसको हम ऑल्ट कॉइन के नाम से जानते है। इसमें लगभग १००० से ऊपर ॉटकॉइन है। ॉटकॉइन का प्राइस बिटकॉइन के प्राइस के ऊपर निचे होने से ॉटकॉइन के रेट पर भी प्रभाव पड़ता है। जैसे ही बिटकॉइन का प्राइस ऊपर जाता है ॉटकॉइन के प्राइस में काफी इजाफा होता है


बिटकॉइन का एडॉप्शन धीरे धीरे बढ़ता जा रहे है लोग इसको अडोपट कर रहे है। भोत कंपनी अब इसको अस पेमेंट ऑप्शन इस्तेमाल कर रही है। कुछ लोग तोह बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में अपना रहे है।

बिटकॉइन ब्लॉकचैन तकनीक पर चलता है ( ब्लॉकचैन एक तरह की लेज़र बुक है ) जिसमे बिटकॉइन टरनैक्शन के सभी रिकॉर्ड मेन्टेन होते है। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ेंन सभी कोइन्स का आधार है इसके बिना कोई भी ट्रांसक्शन का हो पाना लगभग नामुमकिन हैं।

ब्लॉकचैन बहुत फ़ास्ट एंड तेज़ गति गति से ट्रांसक्शन को कम्पलीट करता है कुछ हे सेकंड में मैं कोइन्स को कुछ हे सेकंड में फिनिश कर देता है

बिटकॉइन एंड क्रिप्टो मिनेर के बिना नहीं चल सकती। क्रिप्टो मिनेर जब कोई ट्रांसक्शन ब्लॉकचैन पर आता है तब उसको माइन करते है इसके बदले में उन्हें रिवॉर्ड मिलता है।।

बिटकॉइन को लेकर बहुत देशो की गोवेर्मेंट असमंजस में है। कुछ देशो ने इसको ब्लॉक कर रखा है कुछ देश इसको रेगुलेट करने में लगे हुए है। वासे देखा जाए तोः बिटकॉइन एंड क्रिप्टो में कुछ भी गलत नहीं है यदि सरकार इसको सही ढंग से रेगुलेट करे तोह।
बिटकॉइन ेटफ लॉच के बाद बिटकॉइन के पैसा मैं काफी उछाल देखा गया है और इसका प्राइस ७० प्लस तक क्रॉस गया था।

वही दूसरी और यदि हम ॉटकॉइन की बात करे तोः ये भी बिटकॉइन का ही परिवार है ॉटकॉइन का प्राइस मूवमेंट प्रोजेक्ट डेवलोपमेन्ट

या बिटकॉइन के प्राइस मूवमेंट से ऊपर या निचे होने से होता है। जब बिटकॉइन ऊपर जाता है तोः इसके साथ साथ ॉटकॉइन के प्राइस भी ऊपर निचे होता।

बिटकॉइन का सप्लाई लिमटेड है (२१म) है , फिक्स्ड सप्लाई होने के कारन बिटकॉइन का प्राइस काफी ऊपर तक जा सकता है।

दूसरी और यदि पर्यावरण की बात करे तोः बिटकॉइन पर्यावरण के लिए थोड़ा बुरा साबित हो सकता।। …।। बिटकॉइन माइनिंग से जदया बिजली के खपत होती है। बड़े बड़े क्रिप्टो मिनेर जदया जदया बिजली की खपत करते है।

आइये अब बिटकॉइन विशेताओ पर चर्चा करते है :

बिटकॉइन सप्लाई लिमटेड: बिटकॉइन का सप्लाई लिमटेड है जो की २१म ही। लिमटेड सप्लाई के चलते एंड मास्स लेवल एडॉप्शन के चलते इसके प्राइस में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।

२ बिटकॉइन प२प : बिटकॉइन ओपन सोर्स एंड डेक्टेरलीज़े हैं इसमें हम पर्सन तो पर्सन कोइन्स का आदान प्रधान भी सकते हैं

बिटकॉइन से ग्लोबल पेमेंट : बिटकॉइन से ग्लोबल पेमेंट कर सकते हैं मतलब हम एक देश से दूसरे देश पैसा इन बेज सकते है।

बिटकॉइन की ट्रांसक्शन स्पीड: बिटकॉइन की ट्रांसक्शन स्पीड भोत तेज़ होती हैं इसमें हम कम समय में जदया पैसा बेज सकते है।

आइये अब बिटकॉइन के नुसकान पर बात करते हैं :
। बिटकॉइन का नेचर ओपन सोर्स हैं ओपन सोर्स होने के कारन इसका इस्तेमाल गलत गतिविओ में हो सनका हैं जैसे आतंकवास् एंड ऑनलाइन सकाम।
। जैसा हे हम्हे पहले से मालूम हैं बिटकॉइन को ब्लॉक नहीं किया जा सकता। बिटकॉइन को तभी ऑफ किया जा सकता हैं जब इंटरनेट को ऑफ कर दिया जा। हलाकि सरकार एक्सचेंज को रेगुलेट करके पैसा बहार जाने से रोक सकती हैं।

बिटकॉइन का इस्तेमाल कुछ फ्रॉड साइट भी कर सकती हैं जिसके कारन बहुत लोग अपना पैसा गवा बैठते है।

ऊपर हमने बिटकॉइन के लाभ और हानि के बारे पढ़ा आइये अब्ब इस पर चर्चा करते हैं की इसका समाधान क्या हैं :

बिटकॉइन ठीक भी हैं और इसके थोड़े नुक्सान भी हैं। बिटकॉइन एंड क्रिप्टो दोनों ही हमरे जीवन में थोड़ा बदलाव ला सकते हैं। जैसे की ईएसएस कुछ स्टेबल कॉइन लिखे ुस्दत उसद जैसे कॉइन अस पेमेंट मेथड उसे हो सकते हैं वही दूसरी और बिटकॉइन के प्राइस के उतार चढ़ाव के कारन प्राइस काफी ऊपर निचे हो हैं जिस स्माल इन्वेस्टर का लोस्स होता हैं (लॉन्ग टर्म में यदि हम बिटकॉइन को होल्ड करते हैं
तोः हमारा प्रॉफिट ही होता हैं ) दूसरी और बिटकॉइन का गलत कामो में उसे होता हैं जैसे की आतंवाद, तस्करी आदि में उसे होता इसका सरकार चाइये तोः इसको कण्ट्रोल कर सकती हैं (एक्सचेंज को रेगुलेट करके। ।

बिटकॉइन को आतंकवाद में प्रयोग होने से सर्कार को कड़े उपाए करने चाहिए। सरकार को एक्सचेंज को रेगुलेट करने चाइये। रेगुलेशन की साथ साथ सरकारों को एक्सचेंज को आदेश देना चाइये की पैसा डिपाजिट कहा से हो रहा है। कही बार देखने में आया कुछ गलत जगह से

बिटकॉइन पर सरकार को टैक्स काम करना चाइये। क्योकि हाई ट्रेडिंग टीडीएस एंड टैक्स के चलते स्माल ट्रेडर को नुक्सान होता हैं।

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Disclaimer: The information provided in this article is for informational purposes only and should not be construed as financial or investment advice. Cryptocurrency investments are subject to market risks, and individuals should seek professional advice before making any investment decisions.

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